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Showing posts from July, 2011

Chennai Humour

Chennai bole to chain nahi जंहा  akka  के  बालों  में  गजरे  का  सजना उस  पे  गुलाब  की  कली  का  अपना  चहकना फिर  मीलो  दूर  तक  उसका  महकना अई अइय्यो बाल  है  या  फूलो  का  गुलदस्ता Chennai bole to chain nahi जंहा  anna का  शान  से  lungi पहनना उस  में  हवा  के  झोंको  का  आना  और  जाना फिर  istyle से  lungi का  ऊपर  चढ़ाना Yenna Rascala  , mind it... Chennai bole to chain nahi जंहा  saapada खाके  दिन  में  भी  सोना उस  पे  meals के  नाम  पे  बस  rice होना lemon,sambhar,curd rice और  biryani idly,dosa,uttappam भी  बोलते  rice की  जुबानी Chennai bole to chain nahi जंहा  सूरज  का भी अपना गुस्सा निकालना काले  साये  और  बन्दे  में  फरक  न  रहना बिन...

क्यों ?

हम पराये ही भले थे फिर यूँ अपनापन जताया क् ​यों था  जब साथ छोड़ कर जाना  ही था फिर हाथ मिलाया क्यों था जब उड़ना  ही था ओ परिंदे तो यंहा बसेरा  ​बसाया क्यों था  किया इंतजार बहुत पर उस पार ​ से लहरों को आना ही क्यों था   -आशीष लाहोटी (१६ -जुलाई -११ )